कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक व सार्वजनिक स्थल दुकान , वाहन एवं अपने परिसर व छत पर पत्थर , बोतल आदि का संग्रहण नहीं करेगा जिससे किसी व्यक्ति या अन्य समूह को क्षति पहुॅचाने की संभावना हो

भरतपुर

जिला मजिस्ट्रेट एवं कलक्टर आलोक रंजन ने नवरात्रा स्थापना के त्यौहार के अवसर पर जिले में असमाजिक तत्वों द्वारा शान्ति एवं कानून व्यवस्था भंग करने की चेष्टा को दृष्टिगत रखते हुए जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के आदेश जारी किये हैं।

जिला मजिस्ट्रेट रंजन द्वारा जारी आदेशों के तहत जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति ऐसा कृत्य नहीं करेगा जिससे किसी सम्प्रदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे। कोई भी व्यक्ति इस दौरान धार्मिक भावना भडकाने वाले ऑडियो एवं वीडियो कैसेट नहीं चलायेगा एवं आपत्तिजनक अथवा किसी सम्प्रदाय विशेष को ठेस पहुंचाने वाले पोस्टर, पम्पलेट या अन्य कोई सामग्री का प्रकाशन नहीं करेगा। जिले की सीमा में ध्वनि विस्तारित यंत्र का प्रयोग सम्बंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं जिला मजिस्ट्रेट की बिना सक्षम अनुमति के नहीं किया जायेगा। कोई भी व्यक्ति जिले की सीमा के भीतर व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक रूप से अपने साथ सार्वजनिक स्थल पर किसी प्रकार का आग्नेययास्त्र, रिवाल्वर, पिस्टल, राइफल, बंदूक व अन्य धारदार हथियार एवं अस्त्र-शस्त्र, गड़सा, बरछी, तरवार, शेरपंजा, चाकू, कांच की बोतल, कांच के टुकडे, फरसा, तेजाब, वार्निश एवं केमिकल को ना ही साथ लेकर चलेगा और ना ही प्रदर्शन करेगा और न ही जिले में किसी भी प्रकार के जूलूस ,रैली बिना अनुमति के प्रतिबंधित रहेगी तथा सभी प्रकार के भीडभाड वाले सार्वजनिक एवं धार्मिक समारोह के आयोजन से पूर्व संबंधित मजिस्ट्रेट से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। आदेशों के तहत कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक व सार्वजनिक स्थल दुकान , वाहन एवं अपने परिसर व छत पर पत्थर , बोतल आदि का संग्रहण नहीं करेगा जिससे किसी व्यक्ति या अन्य समूह को क्षति पहुॅचाने की संभावना हो। किसी भी व्यक्ति द्वारा उक्त प्रतिबंधित आदेश की अवहेलना करने पर भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा 188 एवं अन्य विधिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।

आदेशानुसार ऐसे व्यक्ति जो विकलांग, अंधे, अपाहिज एवं अतिवृद्ध हैं को लाठी का सहारा लेने, सिक्ख समुदाय के लोगों को कृपाण धारण करने की छूट होगी वहीं सरकारी ड्यूटी पर तैनात राजकीय अधिकारी, कर्मचारियों, पुलिस एवं सशस्त्र बलों के सदस्यों पर यह आदेश लागू नहीं होगें जो अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन के लिए हथियार रखने हेतु अधिकृत हैं। इसके साथ ही लोेक शान्ति भंग न हो को ध्यान में रखते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना नहीं किया जायेगा। यह आदेश 29 अगस्त से अग्रिम आदेशों तक प्रभावी होगें।

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