Poem
मैं नफ़रत में यक़ीन नहीं करता। क्यूँ कि मेरी प्रार्थना में रोज़ 'सरबत का भला' माँगा जाता है। और मेरी परम्परा युद्ध में दुश्मन को भी पानी पिलाने की है। - लखबीर सिंह
मैं नफ़रत में यक़ीन नहीं करता। क्यूँ कि मेरी प्रार्थना में रोज़ 'सरबत का भला' माँगा जाता है। और मेरी परम्परा युद्ध में दुश्मन को भी पानी पिलाने की है- लखबीर सिंह नंदा सीकरी निवासी की पूरी कविता पढ़े !
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3 Mar, 04:24 PM