हैदराबाद

कभी पैसों की कमी के कारण चप्पल पहन कर क्रिकेट खेलने वाले मोहम्मद सिराज ने अपने हुनर के दम पर दुनिया हिला दी। आज मोहम्मद सिराज ICC रैंकिंग में जरूर दुनिया के नंबर वन ODI गेंदबाज हैं, लेकिन कभी वह क्रिकेट की बेसिक चीजों के लिए भी कड़ा संघर्ष किया करते थे। मोहम्मद सिराज एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं, जहाँ उनका परिवार चाहता था कि वह बड़े होकर इंजीनियर बनें। लेकिन सिराज को क्रिकेट बहुत पसंद था और अक्सर कॉलेज बंक करके वह क्रिकेट खेलने चले जाया करते थे। शुरुआती दिनों में मोहम्मद सिराज चप्पल पहनकर ही खेला करते थे। सिराज बताते हैं- हम गांव में टेनिस बॉल से खेलते थे। मैं 19 साल की उम्र तक चप्पल पहनकर ही खेलता था। मेरे पास जूते नहीं थे, क्योंकि जूते खरीदने के लिए पैसे ही नहीं थे। लोअर मिडल क्लास फैमिली के लड़के इस दर्द को महसूस कर सकते हैं। उनकी आंखों में सपने तो बेशुमार होते हैं, लेकिन जेब अक्सर खाली होती है। 



मोहम्मद सिराज के पिता ऑटो रिक्शा चलाकर जीविका कमाते और परिवार चलाते थे। महीने में पिता की जितनी भी कमाई हो पाती, उसमें से 70 रुपये सिराज को पॉकेट मनी मिलती थी। इन पैसों में से 40 रुपये उनकी प्लेटिना बाइक में पेट्रोल डलवाने में खर्च हो जाया करते, जिससे वह प्रैक्टिस करने जाते थे। उनकी यह बाइक भी बहुत अच्छी हालत में नहीं थी, धक्का दिए बिना स्टार्ट नहीं होती थी। मोहम्मद सिराज उस दौर को याद कर बताते हैं- मेरी मां मुझे यह कहकर डांटा करती थी कि तुम्हारा बड़ा भाई इंजीनियर है और तुम कब तक ऐसे टाइम पास करते रहोगे! मैं पढ़ाई में मन लगाने के बजाय कॉलेज बंक करता था और क्रिकेट खेलने जाता था। मां को यह बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन पापा मुझे हमेशा डांट से बचाते थे, उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ किया। अब्बू को लगता था कि मैं बहुत बड़ा क्रिकेटर बनूंगा। मैं हमेशा अब्बू की आंखों में अपना सुनहरा भविष्य देखता था। 



मोहम्मद सिराज बताते हैं कि मैंने 2016 में हैदराबाद के लिए रणजी ट्रॉफी खेली। उससे पहले मैं मेरे अंकल के क्लब में खेला करता था, जहां मैंने पहले मैच में 9 विकेट लिए थे और 500 रूपए जीते थे। इसमें से मैंने 300 रुपए घर में दिए थे। इसके बाद से माँ ने भी मुझे क्रिकेट खेलने के लिए मना नहीं किया। मां को लगा कि बेटा अब घर की जिम्मेदारी उठा सकता है। 2016-17 रणजी ट्रॉफी में सिराज हैदराबाद की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। उस सीजन में सिराज ने 41 विकेट चटकाए थे। इसके बाद ही सनराइजर्स हैदराबाद ने 2.6 करोड़ में उनको खरीदकर अपनी टीम में शामिल किया। फिर 2018 में सिराज को RCB ने अपने साथ जोड़ा और तब से वह बेंगलुरु का हिस्सा हैं। इसके अलावा पहली बार मोहम्मद सिराज का चयन भारतीय टीम में साल 2017 में हुआ था। कई मुश्किलों और रुकावटों को पार करते हुए वह आगे बढ़ते गए और आज भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी हैं। एशिया कप 2023 के फाइनल से पहले मोहम्मद सिराज की रैंकिंग नवीं थी। फाइनल के 7 ओवर में 21 रन देकर 6 विकेट चटकाते ही मोहम्मद सिराज नंबर वन गेंदबाज बन गए। मेरी तरफ से मोहम्मद सिराज और उनके परिवार के संघर्ष को सलाम।

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