फूलपुर, आजमगढ़ 24 मार्च 2023

खबरों  में औद्योगिक क्षेत्र के नाम पर जमीन जाने के खतरे से अंडिका, छज्जोपट्टी, खुरचंदा गावों के किसान मजदूर इतने डर गए कि उन्होंने 23 मार्च से अंडिका गांव की बाग में धरना शुरू कर दिया. धरने पर सैकड़ों किसान बैठे हैं. 



पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव विरेंद्र यादव ने कहा कि फरवरी के अंत में गांव में सर्वे के लिए कुछ राजस्व कर्मी आए. जिस पर गांव के लोगों ने फूलपुर एसडीएम से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई सूचना नहीं है. 2 दिन पहले मीडिया में यह आने पर कि इन गांवो की जमीनें औद्योगिक क्षेत्र के लिए ली जाएंगी किसान मजदूर परेशान हो गए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से छुपे तौर पर किसानों मजदूरों की जमीनों का सर्वे कर मीडिया में जारी किया जा रहा है यह उचित नहीं है. किसान इससे सदमें में आ जा रहा है. प्रशासन को अगर कोई विकास कार्य के लिए भूमि चाहिए तो उसे ग्राम सभा के  प्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए कि उनके गांव की जमीन चाहिए. यहां सवाल उठता है कि किस आधार पर इन गांवो को चिन्हित किया जाता है और बिना किसी कानूनी कार्रवाई के राजस्वकर्मी फरमान जारी करने लगते हैं कि गेंहू की फसल काट लो धान की फसल मत लगाना. 



ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के नाम पर बड़े पैमाने पर बहुफसली उपजाऊ जमीनों को ले लिया गया. गांव को गांव से काट दिया गया. सदियों से जो गांव एक दूसरे से जुड़े थे उनके बीच पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की दीवार खड़ी कर दी गई. अब इस बहुफसली क्षेत्र में भूमि और जल का दोहन उद्योगों के माध्यम से किया जाएगा. जिससे जो जमीन अधिग्रहण का शिकार हो गए वह तो जाएगी ही उसके आसपास के गांव की उपजाऊ जमीन बंजर बन जाएगी. हम अपने गांव को किसी भी कीमत पर उजड़ने नहीं देंगे जो विकास गांव को उजाड़ देता है विकास नहीं विनाश है.

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