ईओ से लेकर जिला कलेक्टर तक नही रुकवा पाए अवैध निर्माण कार्य।

कामां

सरकारी जमीन पर फर्जीवाड़ा कर व अधिकारियों की संलिप्तता के दम पर भू माफियाओं ने 4 दिन में 8 दुकान बनाकर की तैयार।

कामां नगरपालिका द्वारा सरकारी जमीन मे बिना मजूंरी के हो रहे पक्के निमार्ण कार्य को रुकवाने की बार-बार शिकायत के बाद सांठगांठ के चलते प्रशासन ने 8 दुकाने कंप्लीट करा दी हैं जिसके कारण अतिक्रमण कर्ताओ  के हौसले बुलंद  हैं जिसको लेकर कस्बेवासियो में रोष व्याप्त है।

      कस्बेवासियो ने शनिवार को दूसरी बार जिला कलेक्टर, उपखण्डाधिकारी, नगरपालिका ईओं  से सराकरी जमीन मे निर्माण कार्य रूकवाने की शिकायत की ।अधिकारियों के व्हाटस्प पर दस्तावेज भी पेश किए है। वही रसूखात के दबाब मे विभाग के कर्मी मामले का सुलटारा करने के बजाय अपने बचाव मे जुट रहे है। कोसी चोैराहे से डीग मार्ग पर  राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विधालय का खसरा नम्बर-5029/1(पुराना37एयर का रकवा खेल मेदान का आंवटन है। जिसमे कुछ पर विधालय का कब्जा है।शेष भूमि को निकलवानेे के लिए विधालय प्रबंधन ने तहसीलदार को प्रार्थना पत्र सोपा है। इसकी भनक लगते ही अधिकारियों की शह पर तेज गति से मात्र 4 दिन में 8 दुकानें बनाकर तैयार कर दी गई है जबकि पक्का निर्माण कार्य बिना मंजूरी के करने मे जुटे हुए है।जबकि नगर पालिका बिना मंजूरी के निर्माण रूकवाने का दावा कर रही है। जमीनी हकीकत यह है की मोके पर निर्माण कार्य होता रहा है। क्योकि रसूखात के दबाब मेंं जिला कलेक्टर से लेकर नीचे के अधिकारियों के आदेश मात्र दिखावा साबित हुए है उधर खानापूर्ति कर जनता को गुमराह करने मे जुटे हुए है। वही पर एक दूसरे से मांगते हैं सवाल जवाब

किसके इशारे पर बनी है 4 दिन में 8 दुकाने

दुकान बनाने वाले को इतनी जल्दी क्या थी जो 4 दिन में ही खड़ी कर दी गई 8 दुकाने।

क्या कोई अधिकारी अपनी ईमानदारी से जवाब दे सकता है कि आपके आदेश की पालना क्यों नहीं की गई 

जिला कलेक्टर से लेकर एसडीएम ई.ओ से शिकायत करने के बाद भी निर्माण जारी क्यों रहा जारी ।

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