Shrawasti UP

देश एवं प्रदेश सरकार किसानों की उन्नतशील खेती के लिए लगातार है प्रयासरत-मा0 विधायक

श्रावस्ती, 04 सितम्बर, 2023 उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनर्रोद्धार(राज्य सेक्टर) कार्यक्रम के तहत जनपद स्तरीय प्रदर्शन (रोड शो) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। जिसे मा0 विधायक रामफेरन पाण्डेय एवं जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रैली कलेक्ट्रेट मुख्यालय से प्रारम्भ होकर उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी के कार्यालय तक रैली आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया। इसका उद्देश्य जनपद वासियों में मिलेट्स (श्री अन्न) के उत्पादन के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा। जिससे लोग मिलेट्स का उत्पादन कर सके और अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकें। 

इस अवसर पर मा0 विधायक ने कहा कि देश एवं प्रदेश सरकार किसानों को उन्नतशील खेती के लिए लगातार प्रयासरत है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत मिलेट्स का उत्पादन किये जाने हेतु किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। मिलेट्स के उत्पादन से हमारे शरीर को स्वस्थ्य भोजन प्राप्त होगा। उन्होने कहा कि पहले हम सभी लोग मिलेट्स का भोजन में अधिक प्रयोग करते थे। और हम शारीरिक रूप से अधिक ऊर्जावान और सक्षम होते थे। हमें गेहूं और धान की उन्नतिशील प्रजातियां मिल जाने के बाद हमने धीरे-धीरे मोटे अनाजों को उगाना छोड़ दिया है। जिसे फिर से अपनाने की आवश्यकता है।

 जिलाधिकारी ने कहा कि स्वस्थ्य रहने के लिए जरूरी है कि हम सभी जो भोजन कर रहे है, उसमें पोषक तत्वों की मात्रा अधिक हो। क्योंकि जिस प्रकार का हमारा भोजन होता है, वैसे ही हमारे शरीर का विकास भी होता है। इसलिए शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए मिलेट्स की अहम भूमिका है। मिलेट्स की पोषक महत्ता को देखते हुए ’’श्री अन्न’’ के नाम से पुकारे जाने की अपील देश के मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा की गई है। इसी के तहत आज कृषि विभाग द्वारा मिलेट्स के बारे में जागरूक करने के लिए इस रैली का आयोजन किया गया है। जिससे लोग जागरूक हो सके और मिलेट्स को अपने प्रयोग में ला सके। 

उप निदेशक कृषि कमल कटियार ने बताया है कि मिलेट्स को हम मोटे अनाज के नाम से भी जानते हैं, जिनमे कोदों, सावां, कुटकी, काकुन, रागी, ज्वार, बाजरा और रामदाना प्रमुख हैं। जिससे किसान भाई कम लागत में ही धान और गेहूं जैसी फसलों के बराबर मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन अनाजों में कीड़े-मकोड़े आदि का प्रकोप बहुत कम होता है और इनको लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, जिससे बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव के असर से भी बचा जा सकता है। जनपद के ऐसे सभी क्षेत्र जो सिंचाई की सुविधा से वंचित हैं और समस्याग्रस्त हैं उनमें भी इनको आसानी से उगाया जा सकता है। 

इस अवसर पर अपर जिला कृषि अधिकारी अश्वनी यादव, प्राचार्य अलक्षेन्द्र इण्टर कालेज ज्योति प्रकाश पाण्डेय, आशुतोष पाण्डेय, विनय कुमार तिवारी सहित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकगण, स्कूली एवं एन0सी0सी0 कैडेट छात्र-छात्राएं एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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