जयपुर

मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक को संबोधित किया। पुलिस विभाग में अनिवार्य एफआईआर, स्वागत कक्ष सहित अन्य नवाचार किए गए हैं। इसका असर रहा है कि 156 (3) के केसों, अनुसंधान समय और महिला अत्याचारों के मामलों में कमी आई है। उदयपुर, सीकर, जयपुर के विभिन्न घटनाक्रमों में त्वरित प्रभावी कार्रवाई कर अपराधियों पर शिकंजा कसा गया है। राज्य में पुलिस का इकबाल बुलंद रहे, इसके लिए अपराध नियंत्रण और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने के हरसंभव प्रयास करें। 

प्रदेश में संगठित अपराधों के खिलाफ विशेष अभियान आक्रामक रूप से जारी रखें। सोशल मीडिया पर गैंगस्टर और अपराधियों को फोलो एवं समर्थन करने वालों, आश्रय और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। जेल में अपराधिक तत्वों के माध्यम से संचालित सक्रिय गिरोहों के खिलाफ विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली कोई भी घटना किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

हाल ही में प्रदेश में धमकी देकर अवैध वसूली के प्रकरण सामने आए हैं। ऐसी घटनाओं में अभियुक्तों के विरूद्ध शीघ्र एवं ठोस कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। विदेश में रहकर वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के विरूद्ध भी केन्द्र सरकार के माध्यम से कार्रवाई की जाए। ऐसे आपराधिक गिरोहों को खत्म करना हमारा प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए। युवाओं में मादक पदार्थ सेवन चिंताजनक है। इसकी प्रभावी रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाएं और अभिभावकों से संवाद करें। 

अपराध नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए रिवॉर्ड और पदोन्नति के अवसर प्रदान किए जाएं। कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाए। समाज, खासकर युवाओं की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए जागरूकता अभियान संचालित करें, उन्हें भयमुक्त कर पुलिस फ्रेंडली बनाएं। नागौर पुलिस अधीक्षक द्वारा आमजन के बीच व्हाट्सएप नंबर जारी करने की पहल सराहनीय है। रात 8 बजे बाद खुलने वाली शराब की दुकानों को सख्ती से बंद करने और आबकारी विभाग व पुलिस के लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

पुलिस अधिकारी-कर्मचारी प्रदेश में अपराधों पर अंकुश लगाने और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के दायित्व का पूरे समर्पण के साथ निर्वहन करें। पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में आमजन की धारणा को बदलने में जिला पुलिस अधीक्षकों की भूमिका काफी अहम होती है। निचले स्तर तक कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में एसपी सकारात्मकता के साथ भूमिका का निर्वहन करें। 

प्रदेश में शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नवाचार अपनाएं तथा भ्रामक सूचनाओं को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाए। बजरी एवं अवैध खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस की और सक्रियता की आवश्यकता जताई। देशभर में साम्प्रदायिकता, तनाव और हिंसा का माहौल बढ़ा है। ऐसे में पुलिस के लिए आने वाला समय और अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसी घटनाओं में लिप्त व्यक्ति किसी भी जाति अथवा धर्म का हो, कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। 

राज्य सरकार ने पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक, पब्लिक फ्रेंडली एवं प्रो-एक्टिव बनाने के लिए कार्य किए हैं। थानों में स्वागत कक्ष, बाल मित्र थाना, अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन, महिला अपराधों की रोकथाम एवं प्रभावी अनुसंधान के लिए हर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद के सृजन सहित कई नवाचार किए गए हैं। जिला पुलिस अधीक्षक नियमित रूप से थानों का निरीक्षण करें तथा आमजन से संवाद कर उन्हें पुलिस फ्रेंडली बनाएं। 



गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि आपराधिक गतिविधियों में नाबालिगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बालगृहों में सुधारात्मक गतिविधियों को और बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि थानाधिकारी अपने क्षेत्र की चौकियों का समयबद्ध और औचक निरीक्षण करें तथा आमजन से नियमित संवाद करें। इसी से ही अपराधों में कमी आ सकती है। 

मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान विकासशील राज्य है। हर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो रहा है। जीडीपी में भी हम देश में दूसरे स्थान पर है। यह सब राज्य की मजबूत कानून व्यवस्था से ही संभव हुआ है। पुलिस को और सख्ती से अपराध नियंत्रण में ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस पब्लिक में मूवमेंट बढ़ाए और हर वो कदम उठाए जिससे घटना होने से पूर्व ही रोकी जा सकें। पुलिस महानिदेशक श्री उमेश मिश्रा ने कहा कि पुलिस की सतर्कता से ही अन्वेषण समय में कमी आई है। अनिवार्य एफआईआर पहल से भी आमजन को न्याय मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में पेपरलीक माफिया पर त्वरित सख्त कार्रवाई को भी जनता ने सराहा है। 

बैठक में प्रमुख शासन सचिव गृह श्री आनंद कुमार, एडीजी अपराध श्री आर.पी. मेहरड़ा, एडीजी एटीएस एवं एसओजी श्री अशोक राठौड़, एडीजी इंटेलिजेंस श्री एस. सेंगथिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही जयपुर एवं जोधपुर पुलिस कमिश्नर, विभिन्न रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय के अधिकारी, सभी जिलों के एसपी, एएसपी एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी वीसी से जुडे़।

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