’’राजस्थली’’ में राजीविका के विक्रय कार्नर की शुरूआत

’’राजस्थली’’ में राजीविका के विक्रय कार्नर की शुरूआत

स्वंय सहायता समूह बगरू खुर्द की कोमल ने काटा फीता

जयपुर, 6 जनवरी।

 हस्तकला, हस्तशिल्प, मीनाकारी व अन्य राजस्थानी उत्पादों के लिये गुलाबी नगरी जयपुर में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच मशहूर ’’राजस्थली’’ शौरूम में बुधवार को यहां राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद्(राजीविका) के विक्रय कार्नर की शुरूआत हुई । 

कोविड से बचाव हेतु इस बार दीपावली पर गोबर के दीपक बनाकर प्रदूषण मुक्त दीपावली की अलख जगाने की पहल करने वाले महिला स्वंय सहायता समूह की सदस्य बगरू खुर्द की कोमल ने इस बिक्री काउंटर का फीता काट कर शुभारम्भ किया। 

राजीविका के तहत महिला स्वंय सहायता समूहों के इस बिक्री काउंटर के शुभारम्भ के मौके पर ठेठ ग्रामीण महिलाओं की हौंसला अफजाई करने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह एवं ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव एवं मनरेगा आयुक्त श्री पी0सी0 किशन और राजीविका की स्टेट मिशन डायरेक्टर श्रीमती शुचि त्यागी भी पहुंचे व फीता काटने के पश्चात्त श्री सिंह व अन्य अधिकारियों ने महिला स्वंय सहायता समूह की इस पहल के लिये तालियों की गड़गड़ाहट से मनोबल बढ़ाया।

बगरू खुर्द की कोमल द्वारा फीता काटने के पश्चात्त श्री सिंह ने जयपुर के आराध्य देव गणेश जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन किया । 

श्री सिंह ने राजीविका के बिक्री काउंटर में प्रदश्रित मीनाकारी, कशीदाकारी, बून्दी बंधेज, काष्ठ कला चर्म शिल्प, टेराकोटा, ब्ल्यू पॉटरी, हेण्डलूम आदि उत्पादों को देखा व उनके बारे में महिला स्वंय सहायता समूहाें की सदस्यों से उत्पादों को बनाने की विधियों, तकनीकों व राजीविका की निदेशक श्रीमती शुचि त्यागी व राज्य परियोजना प्रबन्घक, (नॉन फार्म) मोना दवे से विस्तार से जानकारी ली। 

उन्होंने स्टेट मिशन निदेशक, राजीविका श्रीमती शुचि त्यागी को निर्देश दिये कि इस बिक्री काउंटर में उन महिला स्वंय सहायता समूहों की सदस्यों के फोटो लगायें जायें जिनके द्वारा उत्पाद बनाये गये हैं साथ ही उनकी कला व तकनीकी और प्रक्रिया आदि की भी जानकारी प्रदर्शित की जाये ताकि आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को राजस्थान की बहुआयामी प्रतिभाओं व उनकी विधाओं व कलाओं के बारे में जानकारी मिल सके। 

स्टेट मिशन निदेशक, राजीविका श्रीमती शुचि त्यागी ने बताया कि विक्रय कार्नर में ब्लू पॉटरी, पेपर प्रोडक्टस, गोटा-पत्तती की साड़ियां, लकड़ी से बने खिलौने एवं अन्य कला कृतियां, सवाई माधोपुर की ब्लैक पॉटरी, राजसमंद की मोलेला पॉटरी, मीनाकारी आर्टिकल्स, भरतपुर के जूट प्रोडेक्टस, दौसा की दरीयां, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, चमड़े की जूतियां और बैग्स, चूरू व बूंदी बंधेज के दुपट्टे, उदयपुर के साफे, हर्बल साबुन आदि प्रदर्शित किये गये हैं।

YOUR REACTION?

Facebook Conversations