जालना जिले के बदनापुर तहसील के गांव ढासला पिरवाड़ी में मंदिर और मस्जिद से लाउडस्पीकर ना उतारने का प्रस्ताव ग्रामसभा में बहुमत से पारित किया गया. उल्लेखनिय है की ये निर्णय लेने वाली ग्रामपंचायत के सरपंच राम पाटील है जो भाजपा के बदनापुर तालुका उपाध्यक्ष भी है.

जालना, बदनापुर

          रविवार दि.24अप्रैल को पंचायत राज दिवस के अवसर पर उपरोक्त स्थान पर ग्राम सभा का आयोजन किया गया था.सभा में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर मस्जिद से लाउडस्पीकर ना हटाने का निर्णय सर्वम्मति से लिया गया.



गांव की लोकसंख्या 2000 है. जिनमें 1450 हिन्दू समाज के लोग है, 400 मुस्लिम समाज के लोग है और 150 दूसरे समुदाय के लोग है.


 लाउडस्पीकर चाहे मस्जिदों के हों या मंदिरों के नहीं उतरेंगे, हमारी कई पीढ़ीयों की सुबह अजान सुनकर प्रफुल्लित हो जाती है। अजान, आरती, हरिपाठ पारायण ये सब हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन गए हैं। ढासला गांव के ग्रामस्थों ने कहा की हालांकि राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए मस्जिदों के लाउडस्पीकर मुद्दे पर चर्चा की जा रही है, लेकिन हम लाउडस्पीकर नहीं उतारेंगे। उल्लेखनीय है कि यह निर्णय लेने वाले ग्राम पंचायत के सरपंच भाजपा के बदनापुर तालुका अध्यक्ष हैं।


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने एक सभा में 3 मई तक मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर उतारने की चेतावनी दी है, इसके बाद से ही इस मुद्दे पर राज्य में माहौल गरमा गया है. हालाँकि, बदनापुर तालुका में ढासला / पीरवाड़ी ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मति से 24 अप्रैल को एक प्रस्ताव पारित किया कि मस्जिद पर लाउडस्पीकर नहीं उतरने दिया जाए। गांव में एक मस्जिद, दो मंदिर हैं। सामाजिक एकता और सामाजिक समरसता है।


मौलाना जहीर बेग गुलजार बेग मिर्जा ने कहा, हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे के त्योहारों, खुशियों और दुखों में एक साथ आते हैं। इस समय सरपंच राम पाटिल, उप सरपंच विजय पाटेकर, ग्राम पंचायत सदस्य अन्ना कदम, कादिर शेख, कौशल्याबाई गाडगीळ, मदन डोभाल, अल्पाचरण डोभाल, ग्रामसेवक पी.के.सरनाइक, तंटामुक्ति अध्यक्ष अशोक नाइक, वरिष्ठ नागरिक अकबरभाई शेख, शेख अयूब भाई, अमीर हुसेभाई पठान, जीजा कदम, बचत गट की अध्यक्षा जयश्री खरात, मंगल कदम, रुक्मण अनारसे, पुष्पाबाई खरात, अर्चना खरात, दुल्हनभाभी, शबाना शेख, वंदना ताई इत्यादि उपस्थित रहे.



अजान के समय के अनुसार दिनचर्या


गांव में सभी समुदाय के लोगों की दिनचर्या अजान के हिसाब से चलती है. सुबह की अजान की आवाज सुनते ही सभी जवान और बूढ़े उठ जाते हैं और अपने दैनिक काम में लग जाते हैं। दोपहर के डेढ़ बजे अजान की पुकार सुनकरही खेतों में काम करने वाले लोग भोजन के लिए छुट्टी करते है। शाम को पांच बजे की अजान की आवाज़ सुन कर ही कामगारों को काम से छुट्टी दे दी जाती है। शाम सात बजे की अजान के बाद रात का भोजन करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वे रात साढ़े आठ बजे नमाज के बाद सो जाते हैं।



लाउडस्पीकर नहीं हटेगा - राम पाटिल, सरपंच और भाजपा तालुका उपाध्यक्ष।


 हम ग्रामस्थों को मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर से कोई दिक्कत नहीं है। लोग अपनी दिनचर्या की शुरुआत अजान की आवाज़ से ही करते हैं। कोई कुछ भी कहे, हम अपने गांव की मस्जिद पर से लाउडस्पीकर नहीं उतारेंगे, जातिवाद को पनाह नहीं देंगे, ग्राम सभा में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया है .



हंसी ख़ुशी में सभी धर्म के लोग रहते हैं


गांव के 80 वर्षीय भीकू यादवराव पाटिल ने कहा, ''मैं बचपन से अजान सुनता आ रहा हूं. अजान ने कभी गांव में नफरत पैदा नहीं की। गांव में हिंदू और मुसलमान खुशी-खुशी रहते हैं। गांव में दो मंदिर हैं। हरिपाठ हर शाम आयोजित किया जाता है। मस्जिद से प्यार, एकता, भाईचारे का संदेश दिया जाता है। आज तक गांव में किसी ने लाउडस्पीकर की सुध नहीं ली। हमें इससे किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं है इसलिए हम लाउडस्पीकर नहीं उतारेंगे.


सुख-दुःख में सभी साथ होते है.



सत्तर वर्षीय शेख अकबर वजीर ने कहा कि ढासला-पीरवाड़ी गांव में हिंदू और मुस्लिम भाई एक-दूसरे के सुख-दुख में हिस्सा लेते हैं. हमारी कभी दुश्मनी नहीं होती। नमाज के लिए आने के लिए अजान से मुस्लिम भाइयों को आमंत्रित किया जाता है। किसी भी जाति या धर्म के बारे में कुछ नहीं कहा जाता है।

"हम सब एक साथ मिलकर गांव में सभी त्योहारों और समारोहों को मनाते हैं,"


इस निर्णय का पुरोगामी महाराष्ट्र में हर स्तर से स्वागत हो रहा है, ह्यूमन राइट्स जस्टिस असोसिएशन के पुणे जिल्हा सचिव मा. चंद्रशेखर पात्रे ने सभी समाज के लोगों को ढासला /पिरवाड़ी के ग्रामस्थों का अनुकरण करने का अवाहन किया है.


https://m.epaperdivyamarathi.bhaskar.com/aurangabad/241/27042022/0/4/

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